लखनऊ:- आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने गुरुवार को इस वित्त वर्ष की पहली तिमाह के नतीजे में टीसीएस का नेट प्रॉफिट घटकर 5,950 करोड़ रुपए रह गया है। जबकि पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में टीसीएस का मुनाफा 6187.6 करोड़ रुपये रहा था। टीसीएस की दो साल में यह सबसे बड़ी तिमाही गिरावट है। साल दर साल के हिसाब से इस तिमाही में टीसीएस का पैट 5.82 प्रतिशत गिर गया है। कंपनी का कहना है कि Q1 मुनाफे पर वेतन वृद्धि का प्रभाव 150 आधार अंक था। कंपनी द्वारा कमाई की जानकारी देने बाद गुरुवार को टीसीएस के शेयर फ्लैट 2,444 रुपए पर क्लोज हुए। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने अपने लखनऊ ऑफिस बंद करने की बात स्वीकार की है। टीसीएस ने अधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि वह यूपी की सभी गतिविधियों को नोएडा में कंसॉलिडेट कर रही है, हालांकि कंपनी ने आश्वस्त किया है कि इससे किसी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी। इस बीच प्रदेश सरकार ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए टीसीएस को हरसंभव मदद देने की बात कही है।
लखनऊ में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) द्वारा अपने ऑपरेशन और प्रोजेक्ट लखनऊ से हटाकर पुणे, इंदौर और दूसरे शहरों में शिफ्ट करने के पीछे कर्मचारियों को बताई जा रही वजह नहीं साबित हो पाई है। टीसीएस लखनऊ विभूति खंड स्थित अवध पार्क इमारत में शालीमार बिल्डर्स के अधीन है। स्टाफ को बताया जा रहा था कि इमारत के किराये के लिए हुई लीज डीड खत्म होने पर बिल्डर नई डीड के लिए चार गुना किराया बढ़ा रहा था। जबकि बिल्डर का कहना है कि वह पुरानी दर 30 रुपये प्रति वर्ग फीट के मुकाबले नई दर 40 रुपये वर्ग फीट दर लगाने को तैयार हैं। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) द्वारा लखनऊ ऑफिस बंद करने की घोषणा के बाद कंपनी के कर्मचारियों ने @saveTCSplease नामक ट्विटर अकाउंट के जरिए नौकरी बचाने की मुहिम छेड़ दी है। टीसीएस कर्मियों ने राज्य के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक से इस मामले में दखल की गुहार लगाई है. इस बंदी से दो हजार युवाओं की नौकरी खतरे में पड़ सकती है, हालांकि हंगामा मचने के बाद कंपनी ने कहा कि वह अपने इम्पलॉई को नोएडा और इंदौर समेत दूसरी जगहों पर भेजेगी, न कि उनकी छंटनी करेगी. टीसीएस ने कहा कि कंपनी अगले साल प्रधानमंत्री के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में एक बड़ा बीपीओ ऑपरेशन शुरू करने जा रही है, कुछ स्टाफ को इस सेंटर में भी भेजा जाएगा, इस मामले में राज्य सरकार भी सामने आ गई है। वर्तमान में टीसीएस लखनऊ में 1700 अधिकारी और कर्मचारी, 500 हाउस कीपिंग, सिक्योरिटी और दूसरे कामों से जुड़े कर्मचारी हैं। कंपनी के इस फैसले से करीब 2000 कर्मचारियों की नौकरी प्रभावित हो सकती है। इसमें से 50 फीसद महिला कर्मचारी है। TCS के वाइस प्रेसिडेंट ने यह सूचना अपनी-अपनी टीमों को देने के लिए भी कहा है। टीसीएस ने कम्पनी की लखनऊ में शुरुआत के बाद विस्तार किया और अपना ऑफिस विभूती खंड में बनाया। विभूति खंड में 11 साल पहले अवध टीसीएस पार्क में शिफ्ट हो गई। कंपनी के ताजा फैसले के बाद इस बात की चर्चा है कि लगभग 2000 आईटी पेशेवरों पर संकट के बदला मंडराने लगे हैं। उन्हें या तो शहर छोड़कर जाना पडेगा या फिर नौकरी छोड़नी पड़ेगी।
मुख्यमंत्री से मांगी है मदद:-
कंपनी के कर्मचारियों ने इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप करने की मांग की, प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इस मसले पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि टीसीएस जाने की तैयारी नहीं कर रही है। उसका भवन किराये पर था। उनका समय पूरा हुआ है। मौर्य ने आगे कहा कि ऐसा सुनने में आया है कि वह स्थान काफी महंगा था, इसलिए स्थान परिवर्तन करने की तैयारी में है। मौर्य ने कहा कि किसी भी उद्योग को कहीं जाने नहीं दिया जायगा। टीसीएस के लखनऊ ऑफिस बंद होने की खबरों पर उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि उनके संज्ञान में यह मामला है। टीसीएस के अधिकारियों से उन्होंने बात की थी और उन्हें जानकारी मिली है कि टीसीएस किराए के भवन में अपना कार्यालय चला रहा था, जो महंगा था। सरकार चाहती है कि यहां से कोई जाए नहीं, बल्कि और भी लोग आएं। टीसीएस अपनी समस्याएं अगर सरकार से साझा करती है तो उसकी मदद की जाएगी।
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